Wednesday, August 26, 2015

का खाऊ का पिऊ काले परदेश जाऊँ | 😄

भारत एक कृषि प्रधान देश है | लेकिन  भारत की जनता के खाने के लिए देश में प्रयाप्त अनाज, दलहन और प्याज़ नहीं है |
क्या भारत में अनाज, दलहन, तिलहन की खेती प्रयाप्त मात्रा में नहीं हो रही है ?
या खेती हो रही है लेकिन उसके रख रखाव के लिए देश और राज्य की सरकारों के पास जगह की कमी है |
कृषि प्रधान देश के लोग दाने दाने के लिए मोहताज़ है |
मंहगाई कमर तोड़ रखी है |
ऐसे में क्या खाद्य सुरक्षा भारतीयों को मिल पाएगी |
जिन भारतीयों को भर पेट खाना नसीब नहीं हो रहा है वे भारतीय जीवन के बाकी क्षेत्र में क्या प्रगति कर पाएंगे |
हिन्दी में एक कहावत है "भूखे पेट न भजन होत गोसाई "|
हमसब बचपन से पढ़ते आ रहे हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन मौजूदा हालात देख कर ऐसा नहीं लगता |
इतनी मंहगाई ... बाप रे बाप !
प्याज़ ₹70/- किलो
दाल ₹ 150/- किलो
का खाऊ का पिऊ काले परदेश जाऊँ | 😄
कुछ करो भाई |